इत्तिला तहत धारा-154(1) Cr.P.C. सहपठित धारा-31(1) राजस्थान पुलिस अधिनियम,2007 बाबत संज्ञेय अपराध पर F.I.R. दर्ज करवाने बाबत ।
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पत्रांक - राव/ एफआईआर / 224/ 2023 दिनांक – 24 मार्च, 2023
सेवामें,
प्रेषित:
श्री सचिन यादव (आर ए एस )उपखंड अधिकारी एवं
उपखंड मजिस्ट्रेट बहरोड़ जिला अलवर (राज.)
ईमेल- sdmbeh.alw@gmail.com
मोबाइल व्हाट्सएप नंबर- 9001412005
विषय: इत्तिला तहत धारा-154(1) Cr.P.C. सहपठित धारा-31(1) राजस्थान पुलिस अधिनियम,2007 बाबत संज्ञेय अपराध पर F.I.R. दर्ज करवाने बाबत ।
विरुद्ध :
श्री अमित कुमार पटवारी वल्द नामालूम, हाल पटवार हल्का ढूंढाडिया तहसील बहरोड़ जिला अलवर राज मोबाइल नंबर- 8696030360, ईमेल आईडी- tehsilbehror@gmail.com
श्री ब्रह्म प्रकाश यादव वल्द नामालूम, हाल भू०अ०नि० गंडाला तहसील बहरोड़ जिला अलवर राज मोबाइल नंबर – 8952970036, ईमेल आईडी- tehsilbehror@gmail.com
श्री द्वारका प्रसाद तिवारी वल्द नामालूम, हाल कार्यवाहक तहसीलदार बहरोड, तहसील बहरोड़ जिला अलवर राज मोबाइल नंबर – 9431331138 , 9511519918, ईमेल आईडी - tehsilbehror@gmail.com
आपराधिक षडयंत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से शामिल अन्य अभियुक्तगण ।
बाजुर्म : दफा-120B,166,166A,167, 217, 188 एवं 420 भारतीय दंड संहिता
मस्कने जुर्म : कार्यालय तहसील बहरोड,उपखंड बहरोड, पुलिस थाना बहरोड, जिला अलवर राजस्थान। (राज.) ।
सन्दर्भ :
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,राजस्थान पुलिस,जयपुर(राज.) का परिपत्र संख्या-02/2018 तारीखी-30.07.2018.
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,राजस्थान पुलिस,जयपुर(राज.) का परिपत्र संख्या-9727-98 तारीखी-10.05.2019.
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,राजस्थान पुलिस,जयपुर(राज.) का परिपत्र संख्या-2375-431 तारीखी-05.02.2020.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के निर्णय बउनवानी ’ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य’ (2013) AIR(SCW)6386 में संज्ञेय अपराध के बाबत अभियोग दर्ज करने के बाबत दी गयी व्यवस्था
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ( सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ ) राजस्थान सरकार के परिपत्र क्रमांक प.22(12 प्रसू/सू.अ.प्र./2010 दिनांक 20 दिसंबर 2010.
श्रीमानजी,
उक्त विषय एवं सन्दर्भों में इत्तिलादाता अपने साथ कारित हुए संज्ञेय अपराध एवं आपराधिक षडयंत्र पर F.I.R. दर्ज करवाने बाबत यह इत्तिला निम्नप्रकार निवेदन करता है :-
यह कि अभियुक्तगण मुकाम के अभिलेख संरक्षक व् नकल प्रभारी एवं कार्यालय - तहसीलदार बहरोड़ अलवर (राज.) है जिसके बाबत इत्तिलादाता को जानकारी हुई है कि उनके अधीन ग्राम बीघाना, तहसील बहरोड राशि निवासी देवी लाल यादव, निरंजन यादव पुत्र धर्मपाल यादव व अन्य द्वारा खसरा नंबर 541 रकबा 1.7700 गैर मुमकिन जोहड़ व 542 रकबा जीरो 0.4600 गैर मुमकिन मरघट पर ब्लॉत कब्जा किया हुआ है।
यह कि प्रार्थी परिवादी द्वारा विस्तृत लोकहित होने की वजह से एक प्रार्थना पत्र तहत धारा 76 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 वास्ते लोक दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि चाहने बाबत श्रीमान अभिलेख संरक्षक एवं तहसीलदार बहरोड अलवर को दिनांक 28 फरवरी 2023 को ऑनलाइन आवेदन करके बिंदु संख्या ”ए” से ”डी” तक रिकॉर्ड चाहा गया। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह की उक्त चाहे गए रिकॉर्ड से संबंधित श्री अमित कुमार पटवारी, पटवारी हल्का डूंगरिया, तहसील बहरोड़ द्वारा एक जांच रिपोर्ट दिनांक 09 मार्च 2023 को बनाकर श्रीमान तहसीलदार साहब बहरोड़ को दी गई जिसमें खसरा नंबर 541 पर 6 व्यक्तियों का कब्जा होना बताया तथा खसरा नंबर 542 पर चार व्यक्तियों का कब्जा होना बताया। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि उक्त रिपोर्ट में पटवारी अमित कुमार द्वारा देवीलाल पुत्र धर्मपाल अहिर का मकान गैर मुमकिन जोहड़ में नहीं होना जानबूझकर बताया।
5. यह कि उक्त रिपोर्ट को श्रीमान तहसीलदार साहब के कार्यालय पत्र में 492 दिनांक 10 मार्च 2023 को मुझे जरिए ईमेल प्रेषित किया गया। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि उक्त पत्र का अवलोकन करने पर पाया गया कि उसके नीचे वाटर मार्क स्कैन्ड विद कैमस्कैनर “Scanned with CamScanner” का वाटर मार्क “Watermark” अंकित है। जो भारत सरकार द्वारा देश की एकता अखंडता एवं सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए प्रतिबंधित चिननी ऐप कैमस्कैनर का गैरकानूनी इस्तेमाल किए जाने को संदेह से परे साबित कर देता है।
यह कि उक्त चीनी ऐप कैमस्कैनर को भारत सरकार द्वारा तहत धारा 69ए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत देश की संप्रभुता राज्य की सुरक्षा और लोक शांति के लिए खतरा मानते हुए दिनांक 29 जून 2020 को संपूर्ण रूप से शक्ति से प्रतिबंधित किया जा चुका है। लेकिन इसके उपरांत भी आपके मातहत उक्त मुलाजिमान द्वारा भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित चीनी ऐप कैमस्कैनर का गैरकनूनन इस्तेमाल किया गया है। उक्त कार्मिकों द्वारा भारत सरकार के उक्त आदेश का उल्लंघन किया गया है।
8. यह कि अमित कुमार पटवारी की रिपोर्ट का अवलोकन करने पर यह भी साफ-सफ जाहिर हुआ कि वह रिपोर्ट अमित पटवारी ने देवीलाल व निरंजन आदि को लाभ देने की व स्वयं लाभ प्राप्त करने की तथा प्रार्थी को सदोष हानि कारित करने की नियत से गलत रिपोर्ट प्रेषित की गई । जो नक़लचिक अकब हैं।
9. यह कि जिसकी शिकायत मुझ प्रार्थी द्वारा श्रीमान व तहसीलदार बहरोड को की गई।
यह कि जिस पर श्रीमान के आदेश से तहसीलदार बहरोड द्वारा एक टीम जिसमें अमित कुमार पटवारी, श्री संदीप पटवारी पटवार हल्का जैनपुर बांस तथा श्री ब्रह्म प्रकाश यादव भूअभिलेख निरीक्षक गंडाला को नियुक्त कर दो दिवस में तथ्यात्मक रिपोर्ट चाहि। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि श्रीमान तहसीलदार साहब के उक्त आदेश की पालना में श्री ब्रहम प्रकाश भूअभिलेख निरीक्षक वह अमित कुमार पटवारी पटवार हल्का ढुढाडिया द्वारा मौके पर नहीं जाकर फर्जी रिपोर्ट बनाकर श्रीमान तहसीलदार साहब को प्रेषित की गई। जो सरासर झूठी थी। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि मुझ प्रार्थी / परिवादी द्वारा श्रीमान को फिर दोबारा से निवेदन करने पर श्रीमान के आदेश से तहसीलदार साहब श्री दुर्गा प्रसाद तिवारी, पटवारी अमित कुमार व श्री ब्रह्म प्रकाश यादव भू अभिलेख निरीक्षक गंडाला द्वारा मौके पर जाकर एक आंशिक रिपोर्ट तैयार की गई। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि उक्त रिपोर्ट तहसील बहरोड के कार्यालय पत्रांक 63 दिनांक 20 मार्च 2023 के द्वारा मुझे प्राप्त हुई।
यह कि उक्त रिपोर्ट को सही मान भी लिया जाए तो पूर्व में अमित कुमार पटवारी व ब्रह्म प्रकाश यादव द्वारा दी गई रिपोर्ट से भिन्न है। जो सीधा-सीधा अपराध की श्रेणी में आता है।
यह कि श्री देवी लाल यादव पुत्र श्री धर्मपाल यादव गांव बिघाना तहसील बहरोड़ जिला अलवर शिक्षा विभाग में दिनांक 04 फरवरी 1991 से 31 जुलाई 2091 तक कार्यरत रहे हैं। जो बिघाना गांव के पते से ही कार्यरत रहे हैं। जो नक़लचिक अकब हैं। इसके साथ ही उक्त देवीलाल की वोटर आईडी तथा राशन कार्ड भी उक्त पते पर वर्ष 2021 तक रहा है।
यह कि प्रार्थी/ परिवादी के आरोप की पुष्टि कार्यालय मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पत्रांक 443 दिनांक 20 मार्च 2023 से होती है। जो नक़लचिक अकब हैं।
यह कि अभियुक्त संख्या-1 ने अभियुक्तगण संख्या-2 व् 3 के साथ मिलकर, कूटरचित दस्तावेजात बनाकर अपराध किया है असल रिकार्ड को विस्तृत लोकहित में प्रगटन किया जाना अतिआवश्यक था | इसके वास्ते इत्तिलादाता नें देश के संविधान द्वारा प्रदत्त धारा 76 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत लोक प्रशासन में पारदर्शिता एवं लोकवित्त के पारदर्शी एवं युक्तियुक्त इस्तेमाल के बजाय अभियुक्ता संख्या-1 से 3 द्वारा बतौर लोक सेवक, कूटरचित दस्तावेजात को बनाकर उनका बेजा इस्तेमाल करते हुए किये गए अभियुक्त संख्या-1 व् 2 ने देवीलाल व निरंजन आदि को लाभ देने की व स्वयं लाभ प्राप्त करने की तथा प्रार्थी को सदोष हानि कारित करने की नियत से गलत रिपोर्ट प्रेषित की गई । अवेध कब्जा को उजागर करने वाले कतिपय दस्तावेजात को विस्तृत लोकहित में अभियुक्ता संख्या-3 के कार्यालय से मुहैय्या करवाए जाने के लिए संलग्न आवेदन संख्या- राव / भारतीय साक्ष्य अधिनियम / 094/ 2023 दिनांक -28 फरवरी , 2023 माकूल शुल्क चुकाकर पेश किया था | उक्त आवेदन, शुल्क एवं प्रेषण के दस्तावेजात जो नक़लचिक अकब हैं |
अभियुक्ता संख्या -1 चूंकि उक्त कार्यालय की लोक सूचना अधिकारी होने के नाते विधिबद्ध थी कि वह सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा-7 के प्रावधानों के मुताबिक इत्तिलादाता के उक्त आवेदन का निर्णय कर उसका जवाब इत्तिलादाता को मुहैय्या करवाती लेकिन बजाय अपने लोक सेवकीय कर्तव्यों का निर्वहन करने के अभियुक्ता नें खुद और अपने मातहत अन्य अभियुक्तगण को उनके किये गए अपराधों से बचाने के लिए आपराधिक षडयंत्र रचकर बाइरादा धोखाधड़ी करते हुए, इत्तिलादाता को हानि कारित करने के लिए विधिविरुद्ध रिपोर्ट बनाकर अपने पत्र द्वारा प्रेषित की | उक्त जवाबी पत्र नक़लचिक अकब हैं |
अभियुक्ता संख्या-1व् अन्यो द्वारा उक्त मानिंद एक लोकसेवक होने के नाते विधि के निर्देशों का पालन करने हेतु विधिबद्ध होने के बावजूद खुद और अपने मातहत अन्य अभियुक्तगण को उनके किये गए अपराधों से बचाने के लिए आपराधिक षडयंत्र रचकर बाइरादा धोखाधड़ी करते हुए, इत्तिलादाता को हानि कारित करने के लिए देश के विधान एवं अपने वरिष्ठ लोकसेवक के सम्यक रूप से दिए गए आदेश की अवज्ञा कारित करते हुए इत्तिलादाता को दुर्भावनापूर्वक, बाइरादा हानि पहुंचाने के लिए विधिविरुद्ध रिपोर्ट/जवाबी पत्र प्रेषित कर धोखाधड़ी कारित की गयी है जोकि भारतीय दंड संहिता की धारा-120B,166,166A,167, 217, 188, एवं 420 व् अन्य की तारीफ में आती है |
यह कि इससे साफ साफ जाहिर होता है कि आपके अधीनस्थ कार्मिकों द्वारा राज्य सरकार के आदेशों की जानबूझकर निजी लाभ की वजह से राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उक्त अधिकारी गणों के विरुद्ध भी निम्न अनुसार विभागीय कार्य हेतु संबंधित अधिकारी/ राज्य सरकार को लिखने की मेहरबानी करें।
यह कि चुंकि उक्त मुलाजमान आप जनाब के मातहत कार्यरत है। और आप जनाब खुद भी लोक सेवक की परिभाषा के दायरे में आते हैं। और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने " अमानुल्लाह और अन्य बनाम बिहार राज्य और अन्य ( 2016) ए आई आर (एस सी) 1871 वाद के फैसले में यह निर्धारित कर रखा है कि अपराध की जानकारी होने पर दोषी के विरुद्ध " मुकदमा दर्ज करवाना सरकार की जिम्मेदारी है। लिहाजा उक्त मुलाजमान आप जनाब के मातहत कार्यरत होने से और आपको सूचना देने के बाद इस बाबत अभियोजन दर्ज करवाना आपकी विधिक जिम्मेदारी एवं जवाबदेही है।
अतः दरपेश जनाब से गुजारिश है कि::-
a. जनाब द्वारा उक्त दोषी मुलाजमान के विरुद्ध अविलंब अजरूय दफा फौजदारी प्रकरण दर्ज करवाई जावे।
b. प्राकृतिक न्याय के कानून अनुरूप प्रकरण हाजा में आप महोदय द्वारा की गई मुकम्मल कार्यवाही के बाबत प्रार्थी परिवादी को सूचित किए जाने की कृपा करें!
c. विशेष निवेदन है कि अर्जकुन्दा को अपने इस दरखास्त परिवाद पर आप जनाब द्वारा फरमाई गई कार्यवाही के बाबत मुझ परिवादी की ईमेल आईडी / व्हाट्सएप पर एवं सूचित किया जावे।
d. प्रार्थी/ परिवादी को नाहक अतिरिक्त धन एवं श्रम की हानि से बचाने के लिए किसी भी मानिंद मसला हाजा में सूचना का अधिकार एवं अन्य किसी विधान के जरिए प्रगति जानने को मजबूर नहीं किया जावे।
e. प्रार्थी परिवादी / आवेदक के द्वारा उक्त आवेदन में चाही गई जानकारी के हाल मोका के लोक दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश भी दिए जावे।
अतः दरपेश गुजारिश है कि उक्त अभियुक्तगण के खिलाफ अजरूय दफा मुकद्दमा दर्ज कराने की मेहरबानी फरमावें ताकि अभियुक्तगणों को बाद चालान उक्त आपराधिक कृत्यों के लिए माननीय न्यायालय से कठोरतम दंड से दण्डित करवाया जा सके |
सादर!
दिनांक : 24 मार्च, 2023 अर्ज कुनंदा,
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राव धनवीर सिंह
मकान नंबर 02 / आई / 40, आरके पुरम,
हाउसिंग बोर्ड कोटपूतली, जिला जयपुर राज.
PIN-303108 , Mo.No.- 7015494018
email - raodhanbeersingh@gmail.com
संलग्न: उपरोक्तानुसार