सूचना कार्यकर्ता की सुरक्षा एवं दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के अंतर्गत
अतिशीर्ष/महत्वपूर्ण। जरिये डाक/ईमेल
समक्ष,
श्रीमान........................................
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विषय:- सूचना कार्यकर्ता की सुरक्षा एवं दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के अंतर्गत
महोदय,
सादर अवगत कराना है कि हम प्रार्थी भारत का स्वतंत्र नागरिक हूँ। यह कि मैं अटैक ऑन करेप्शन समूह का सदस्य हूँ। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी.के. शर्मा जी को विशेष सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि मिर्जापुर के राशन डीलर अमरनाथ यादव उच्च अधिकारियों के संरक्षण प्राप्ति होने के कारण स्थानीय लोगो के साथ मारपीट व अमानवीय व्यवहार भी वितरण के दौरान करते है साथ ही साथ वितरण के आनियमता की शिकायत करने पर शिकायतकर्ता के साथ मारपीट भी करते है, जिसको ध्यान में रखकर एवं भारत के नागरिक होने का उत्तरदायित्व पूर्ण करते हुए माननीय अध्यक्ष जी जो कि एक वरिष्ठ नागरिक भी है। फिर भी उन्होंने जनहित को ध्यान में रखकर दिनाँक.................. को जिला पूर्ति अधिकारी, मिर्जापुर को 8 बिन्दु की सूचना प्राप्त हेतु पत्र प्रेषित किया था। जिसमे जिला पूर्ति अधिकारी ने अपने पदीय कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन न करते एवं अधिनियम के नियमों को ताक पर रखते हुए कोटेदार के भ्रष्टाचार में सम्मिलित होते हुए आवेदक के आवेदन पत्र सहित संपर्क सूत्र की जानकारी तक कोटेदार को साझा कर दी।जिसके कारण दिनाँक................ को अमरनाथ यादव ने स्वयं को जिला पूर्ति अधिकारी बताते हुए माननीय अध्यक्ष जी को फ़ोन किया और कहा कि आपको क्या समस्या है और उत्तराखंड के होकर यंहा आवेदन क्यो लगाते हो आवेदन वापस ले लो। चूँकि आवेदक उत्तराखंड का निवासी है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 19(1) (अ) व 21 के तहत सूचना का अधिकार मेरा मौलिक अधिकार है एवं सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 के अध्याय 2 की धारा 3 के तहत भी समस्त नागरिक को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। उसके वाबत भी कोटेदार और जिला पूर्ति अधिकारी ने अधिनियम का उल्लघंन करते हुए आवेदक के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए आवेदक की सुरक्षा को भी खतरे में डाला है। जबकि समय समय पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, भारत सरकार मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश शासन ने सूचना कार्यकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने हेतु कई आदेश निर्गत किये उसके उपरांत भी आदेशों का अनुपालन न करते हुए सीधे सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, भारत सरकार मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश शासन के आदेशों को ताक पर रखकर जिला पूर्ति अधिकारी ने आवेदक की सुरक्षा के साथ साथ स्थानीय लोगों की जान को भी खतरे में डाल दिया है। यदि सूचना कार्यकर्ता एवं स्थानीय कार्ड धारकों के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी कोटेदार व जिला पूर्ति अधिकारी की होगी। कहना चाहता हूं कि इस तरह के दबंग कोटेदार का कोटा निरस्त किया जाना एवं जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा कोटेदार को सह प्रदान कर आवेदक को धमकी दिलाये जाने कृत्य करवाना, जनहित को भय में डालने एवं अपने पद का दुरुपयोग करने पर भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करवाया जाना अति आवश्यक है। ऐसी स्थिति में उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर व समय समय पर विभिन्न माध्यमों से सूचना कार्यकर्ता की सुरक्षा हेतु जारी आदेश पत्रों का अनुपालन करते हुए आवेदक की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना एवं दोषियों के विरुद्ध IPC की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करवाया जाना न्यायहित में अति आवश्यक है।
अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि भारत के सूचना कार्यकर्ता का सामूहिक पत्र का संज्ञान लेकर अतिशीघ्र विधिक कार्यवाही करने व आवेदक की सुरक्षा हेतु आदेश पारित करने की कृपा करें।
दिनाँक.................... प्रेषक