adequatee security of RTI Activists

सूचना का अधिकार  अधिनियम 2005 की धारा 7(1) के तहत आवेदन
सेवा में,

लोक सूचना अधिकारी
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 विषय -  सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1) के तहत 48 घंटे में सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में ।

संदर्भ :-
1. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गृह मंत्रालय के पत्रांक :- 24013/39/Misc/2013- CSRIII Dtd:- 14 जून 2013 एवं 24013/26/ C. C. /2010 Dtd :- 01 March 2011 को सभी राज्यों के सचिव को 14 जून 2013 को आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए Advisory जारी की थी ।sub :- Advisory to provide adequatee security of RTI Activists – Rgardings (MHOME/ R/P/20/00784 Dtd :- 04/08/2020 & MHOME/R/X/20/00302 Dtd :- 25/07/2020  CPIO,  गृह मंत्रालय नई दिल्ली )
2. आरटीआई नागरिकों का मौलिक अधिकार है । (PIL NO.20 OF 2012 Order date 14-1-2020 Bombay HC)
3. हर एक भारतीय नागरिक को सूचना का अधिकार है ।(सं – 12/55/2019-आईआर कार्मिक मंत्रालय नई दिल्ली दिनांक :- 27/08 /2019)
4. नागरिको को सूचना का अधिकार (आरटीआई अधिनियम 2005 का भाग 3) प्राप्त है सूचना प्राप्त करने के लिए उन्हें कारण बताना जरूरी नहीं है । (सं – 12/238/2014-आईआर कार्मिक मंत्रालय नई दिल्ली दिनांक :- 02 जून 2014)
5. आवेदक को पोस्ट बॉक्स पर सूचना मिले, आवेदकों से कोई भी प्राधिकारी ऐसी जानकरियाँ नहीं माँग सकता है जिसके जरिये आवेदनकर्ता से संपर्क किया जा सकें । (WP 33290(W) Order date 26-11-2013 Kolkata HC)
महाशय,

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     उपरोक्त दस्तावेज आईपीसी की धारा 30 के तहत मूल्यवान है । आवेदन के साथ 10 रु का भारतीय पोस्टल आर्डर संलग्न है जिसका नंबर.................................. है ।

  दिनांक                                                                                                                                                                                                                            
  स्थान:                                                                          आवेदक
पत्राचार का पता :-

नोट :- पत्र मिलने के 48 घंटे में सूचना उपलब्ध नहीं कराने या गलत सूचना देने पर राज्य सूचना आयोग, ........ में धारा 18 के तहत शिकायत की जा सकती है इसके लिए लोक जन सूचना अधिकारी दोषी हो सकते है और उनपर 20(1) और 20(2) के तहत सिर्फ कारवाई हो सकती है और 19(8)(b) के तहत क्षतिपूर्ति प्रदान कराई जा सकती है।