धारा 19 [3] के अंतर्गत द्वितीय अपील दिनांक..
1. प्रति ,
2. केंद्रीय सूचना आयोग / राज्य सूचना आयोग,
3. पूरा पता....
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5. विषय : धारा 19 [3] के अंतर्गत द्वितीय अपील दिनांक...
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8. 2-प्रथम अपीलीय अधिकारी, कार्यालय का नाम व पूरा पता...
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10. ( लोक सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी का सरकारी पद नाम मालूम हो तो वह भी
11.लिखिए)
12.
13.महोदय,
14. 1- मैंने आरटीआई दिनांक... प्रस्तुत की थी, जिस पर लोक सूचना अधिकारी [जिसे आगे संक्षेप में पीआईओ लिखा जाएगा] ने कोई कार्यवाही नहीं की.
15.आरटीआई एक्ट की धारा 7[1] में निर्धारित अधिकतम 30 दिन की समय सीमा में पीआईओ ने न तो आरटीआई का कोई उत्तर दिया, न कोई शुल्क सूचना दी और न ही कोई जानकारी दी।
16.पीआईओ ने धारा 2 और 7 का उल्लंघन करते हुए मेरी आरटीआई विधि केविरुद्ध ढंग से नामंजूर कर दी.
17.तृतीय पक्ष से संबंधित जानकारी के बारे में पीआईओ ने धारा 11 में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और मनमाने ढंग से थर्ड पार्टी की जानकारी देने से इंकार कर दिया।
18.इसके अलावा धारा 7 की उप धारा 3 [ख] एवं 8 का उल्लंघन करते हुए पीआईओ ने मुझे प्रथम अपील की मियाद [समय सीमा] और प्रथम अपीलीय अधिकारी ने आवश्यक जानकारी भी नहीं दी । यही नहीं , बल्कि पीआईओ ने एओ के आदेश का भी पालन नहीं कर गंभीर वैधानिक त्रुटि की है।
19.इस प्रकार पीआईओ ने धारा 2 व धारा 3 तथा धारा 7 की उप धारा 1, 3 [क], 3 [ख] एवं 8 के प्रावधानों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है.
20.पीआईओ का यह विधिविरुद्ध कृत्य साफ तौर पर धारा 19 (8)[B] और 20[1] एवं 20[2] के अंतर्गत दंडात्मक दायरे में आता है.
21.चाही गई जानकारी से पीआईओ द्वारा अनुचित ढंग से वंचित किए जाने के विरुद्ध ,मैंने प्रथम अपील प्रस्तुत की थी .
22.किंतु एओ ने धारा 19[6] में निर्धारित 30 दिन की समय सीमा में कोई कार्यवाही नहीं कर अपने अर्ध न्यायिक दायित्व का उल्लंघन किया है. जबकि अपील पीड़ित व्यक्ति का अनमोल अधिकार है, जो उसे निचले स्तर पर हुई त्रुटि का परिमार्जन कराने के लिए दिया गया है।
23.एओ ने मुझे सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दिए जाने के बाद भी आज दिनांक तक किसी भी प्रकार कि कोई जानकारी नहीं मिल रही हैं।
24. जानकारी प्रदान करने के अपने आदेश दिनांक... का पालन कराने में एओ विफल रहे हैं।
25.कृपया मेरी दरस्सी अपील के शीघ्र अवगत कराने का कष्ट करें।
26.धारा 7[6] के प्रावधान अनुसार मुझे चाही गई संपूर्ण जानकारी निशुल्क एवं शीघ्रताशीघ्र उपलब्ध कराएं.
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28.इसके लिए पीआईओ को वांछित जानकारी से संबंधित दस्तावेज सहित सुनवाई में तलब करने का कष्ट करें .
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30.पीआईओ ने आरटीआई एक्ट में निर्धारित अपने अर्ध न्यायिक दायित्व का विधि अनुसार निर्वहन नहीं किया .उसने आरटीआई एक्ट के ऊपर उल्लेखित विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर कर्तव्य विमुखता की गंभीर मिसाल पेश की है.
31. अतः दोषी पीआईओ के विरुद्ध धारा 20[1] के तहत अधिकतम जुर्माना लगाने का कष्ट करें।
32. सूचना के अधिकार के अंतर्गत देने योग्य जानकारी को छुपाना सेवा नियमों के तहत कदाचरण [मिसकंडक्ट] की श्रेणी में आता है. अतः धारा 20[2] के अंतर्गत पीआईओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई /अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए।
33.सक्षम विभागीय अधिकारी को निर्देशित करने का कष्ट करें.
34. पीआईओ की सेवा पुस्तिका में करने का निर्देश देने का कष्ट करें।
35.और प्रथम अपील से लेकर प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है .
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37.इससे मुझे अनावश्यक रूप से शारीरिक, मानसिक व आर्थिक कष्ट भुगतना पड़ा है.
38.पीआईओ की वैधानिक त्रुटि के कारण मुझे हुई इस क्षति की भरपाई के लिए ,धारा 19 (8)[b] के तहत कम से कम ₹5,000 का हर्जाना दिलाने का कष्ट करें.
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40.प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा अपने अर्ध न्यायिक दायित्व का विधि अनुसार निर्वहन नहीं किया गया है .
41.आपके इस आदेश की प्रति अपीलीय अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी/ विभागाध्यक्ष को भी भेजने की कृपा करें।
42.मध्यप्रदेश में प्रथम अपील शुल्क लागू है.मध्यप्रदेश में द्वितीय अपील शुल्क ₹100 है। नियमावली की सत्यापित प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए।
43.
44.- आरटीआई की छाया प्रति, [फोटोकॉपी]
45.आरटीआई शुल्क ₹10 के प्रमाण और आरटीआई प्रस्तुत / प्रेषित करने के प्रमाण सहित, रजिस्टर्ड डाक टिकट सहित।
46.
47. - प्रथम अपील की छाया प्रति, प्रथम अपील शुल्क अदा करने और प्रथम अपील प्रस्तुत/ प्रेषित करने के प्रमाण सहित आप के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
48.अपीलार्थी -
49.--‐‐----
50.हस्ताक्षर...[ दिनांक सहित]
51. नाम...
52. पूरा पता.....
53. मोबाइल नंबर...
54. ईमेल आईडी....
55.नोट -
56.1.अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम,पदनाम व आफिस का पता अवश्य बतायें।
57.2. समस्त सूचनाएं रजिस्टर्ड डाक/स्पीड पोस्ट के माध्यम से ही प्रेषित करें ।
58.3. समस्त प्रदान करायी गयी सूचना सक्षम अधिकारी की मुहर व स्पष्ट हस्ताक्षर नाम, पदनाम सहित प्रमाणित हो।
59.4. सभी दस्तावेज जनहित से संबंधित है इसलिए आईपीसी की धारा 30 के तहत बहुत महत्वपूर्ण और मूल्यवान दस्तावेज है इसलिए हमें उपलब्ध कराएं ।
60.5. आरटीआई की धारा 21 का अवलोकन करते हुए हमें सूचना उपलब्ध कराई जाए क्योंकि आरटीआई की धारा 21 आईपीसी की धारा 52 के समकक्ष है । इसलिए आईपीसी की धारा 52 के तहत संज्ञान लेते हुए आपके ऊपर 34, 120 बी, 166, 167 के तहत एफआईआर दर्ज भी हो सकती है ।
61.6. सूचना प्राप्ति के उपरांत यदि दस्तावेज अवलोकन की आवश्यकता होगी। तो 10 दिवस के अंदर जरिये पत्र सूचित करूँगा।