धारा 125 CRPC के तहत कार्यवाही एक सारांश प्रकृति की है,
Section 125 of the Code of Criminal Procedure, 1973
अंजू गर्ग और अन्य बनाम दीपक कुमार गर्ग [Criminal Appeal No. 1693 of 2022 arising out of S.L.P. (Cri.) No. 10353 of 2018] बेंच - जस्टिस दिनेश माहेश्वरी एवं जस्टिस एम. त्रिवेदी
कानून के तहत कानूनी रूप से अनुमेय आधारों को छोड़कर, पत्नी और नाबालिग बच्चों को शारीरिक श्रम के माध्यम से कमाई करके भी वित्तीय सहायता प्रदान करना पति का पवित्र कर्तव्य है।
धारा 125 CRPC के तहत कार्यवाही एक सारांश प्रकृति की है, इसका उद्देश्य बेसहारा पत्नियों और बच्चों को सक्षम बनाना है, चाहे वे वैध हों या नाजायज, त्वरित तरीके से भरण-पोषण प्राप्त करने के लिए।
धारा 125 की कल्पना एक महिला की पीड़ा और वित्तीय पीड़ा को दूर करने के लिए की गई थी, जिसे वैवाहिक घर छोड़ने की आवश्यकता होती है, ताकि सक्षम करने के लिए कुछ उपयुक्त व्यवस्था की जा सके